
दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की भारतीय कंप्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इन) ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से आज यूरोपीय संघ के देशों के पत्रकारों के लिए परिचयात्मक दौरा और संवादात्मक सत्र आयोजित किया। नई दिल्ली में इस सत्र की अध्यक्षता सीईआरटी-इन के महानिदेशक और भारतीय प्रमाणन प्राधिकरण नियंत्रक (सीसीए) डॉ. संजय बहल ने की।
डॉ. बहल ने 400 से ज़्यादा स्टार्टअप्स और 6.5 लाख से ज़्यादा पेशेवरों के कुशल कार्यबल द्वारा संचालित, भारत के वैश्विक साइबर सुरक्षा केंद्र के रूप में तेज़ी से उभरने की जानकारी दी। यह केंद्र 20 अरब डॉलर के साइबर सुरक्षा उद्योग को शक्ति प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये नवप्रवर्तक खतरे का पता लगाने, साइबर फोरेंसिक और एआई-आधारित निगरानी प्रणालियों के लिए उन्नत समाधान तैयार कर रहे हैं, जिससे सुरक्षित और लचीले डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भारत की प्रतिबद्धता और मज़बूत हो रही है।
विकसित होते खतरे के परिदृश्य पर ज़ोर देते हुए, डॉ. बहल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) दोधारी तलवार की तरह काम करती है—जो रक्षकों और विरोधियों, दोनों को सक्षम बनाता है। उन्होंने विस्तार से बताया कि कैसे सीईआरटी-इन वास्तविक समय में साइबर घटनाओं का पता लगाने, उन्हें रोकने और उन पर प्रतिक्रिया देने के लिए एआई-संचालित विश्लेषण और स्वचालन का लाभ उठाता है, साथ ही दुर्भावनापूर्ण एआई-सक्षम हमलों के विरुद्ध प्रतिवाद भी विकसित करता है।




