
कभी अस्थायी झोपड़ियों में रहने वाले हजारों परिवारों के जीवन में अब स्थायित्व और सम्मान की छाया है। छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के प्रभावी क्रियान्वयन में एक मिसाल बनकर उभरा है। मिशन मोड में चल रहे आवास निर्माण कार्यों के फलस्वरूप रायगढ़ प्रदेश का पहला ऐसा जिला बना है, जिसने वर्ष 2024-25 में 20 हजार से अधिक मकानों का निर्माण पूरा किया है। यह न केवल एक आंकड़ा है, बल्कि गरीबों के सपनों को साकार करने की एक जीवंत तस्वीर है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य हर व्यक्ति को सम्मानपूर्वक रहने के लिए पक्का आवास प्रदान करना है। रायगढ़ जिले में इस उद्देश्य को जमीनी हकीकत में बदलने के लिए जिला प्रशासन ने समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम किया। कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के नेतृत्व और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जितेन्द्र यादव की सतत निगरानी में कार्य को मिशन मोड में अंजाम दिया गया। अब तक जिले में 20,067 मकानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इनमें से अधिकांश परिवार ऐसे हैं, जो वर्षों से कच्चे और असुरक्षित घरों में जीवन यापन कर रहे थे। पीएम आवास योजना के तहत न सिर्फ उन्हें पक्का घर मिला, बल्कि स्वाभिमान और सामाजिक सुरक्षा का अहसास भी मिला।
जिले में वर्ष 2024-25 के अंतर्गत 52,226 मकानों को स्वीकृति दी गई, जिनमें से 40,152 मकानों की प्लिंथ लेवल जिओ टैगिंग पूरी की जा चुकी है। उल्लेखनीय बात यह है कि 38,446 हितग्राहियों को दूसरी किश्त भी जारी कर दी गई है, जिससे निर्माण कार्य में गति बनी रही और समय पर लक्ष्य पूर्ण हो सका। रायगढ़ की यह सफलता फील्ड की मेहनत का परिणाम है। सीईओ श्री जितेन्द्र यादव ने बताया कि कार्य की सफलता के पीछे नियमित फील्ड विजिट, हितग्राहियों से सतत संवाद, तथा समस्याओं के त्वरित समाधान जैसी व्यवस्थाएं रही हैं। समय पर किश्तों का भुगतान, तकनीकी सहयोग और निर्माण संबंधी मार्गदर्शन ने हितग्राहियों का उत्साह बनाए रखा।